13 C
Munich
Sunday, May 18, 2025

आजमगढ़ में परिवार पर खूनी हमला: न्याय की मांग

Must read

नमस्कार दोस्तों, आज मैं एक ऐसी दर्दनाक घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ, जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। यह घटना किसी हॉरर फिल्म की तरह है, लेकिन दुख की बात यह है कि यह हकीकत है।

मैं आजमगढ़ जिले के लालगंज तहसील का निवासी हूँ, और कल रात जो कुछ मेरे परिवार के साथ हुआ, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है। रात के गहरे अंधेरे में, जब हम अपने घर में चैन की नींद सो रहे थे, तभी अचानक एक खूनी हमला हुआ। यह हमला इतना भयानक था कि उसकी आवाज़ आज भी मेरे कानों में गूंज रही है।

मेरी माँ ईनरमा यादव, जिनके सिर पर बुजुर्गी का साया है, उनके सिर पर ऐसा वार किया गया कि उनके सिर से खून की धाराएं बहने लगीं। मेरे पिता सुदधीराम यादव, जो परिवार के सबसे बड़े स्तंभ हैं, उन्हें भी इन दरिंदों ने नहीं बख्शा। मेरी पत्नी और मेरे भाई की पत्नी को तो ऐसा मारा गया कि उनके शरीर पर जख्मों के निशान गहरे घावों में बदल चुके हैं।

और यह सब खत्म नहीं हुआ। मेरी सात साल के मासूम बेटे का हाथ बेरहमी से तोड़ दिया गया। सोचिए, एक मासूम बच्चे पर भी इन हैवानों का दिल नहीं पसीजा। मेरी बेटियों और बाकी परिवार के सदस्यों को भी इतनी बेरहमी से पीटा गया कि उनकी चीखें सुनने वालों का दिल दहल जाए।

हमला करने वाले कोई अनजान नहीं थे। ये वही लोग थे जिन्हें हम जानते थे, लेकिन उनकी हैवानियत ने हमें पहचानने लायक नहीं छोड़ा। किशोर यादव, केशा यादव किशोरी यादव, सभाजित यादव, प्रिंस यादव, बिसाल यादव, लकी यादव, गीता यादव खुशी यादव, हार्दिक यादव ये सब मिल कर मारने वाले है और उनके साथ बाहर से बुलाए गए गुंडों ने हमारे घर को जंग का मैदान बना दिया।

और सबसे बड़ी विडंबना यह है कि यह सब 5 अगस्त 2024 की रात को हुआ। हमने पुलिस को इसकी सूचना दी, लेकिन हमारे साथ हुए इस अमानवीय अत्याचार के बाद भी पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। पुलिस की बेरुखी ने हमें और भी असहाय बना दिया है। पूरा परिवार इस वक्त अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहा है, और मैं यहाँ अकेला खड़ा हूँ, न्याय की आस में।

अब मैं मीडिया के माध्यम से सरकार से न्याय की गुहार लगाता हूँ। अगर भविष्य में मेरे या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य को कुछ भी होता है, तो इसके जिम्मेदार वही लोग होंगे जिन्होंने मेरे परिवार पर जानलेवा हमला किया है। मेरी और मेरे परिवार की जान खतरे में है, और अब हमें सिर्फ और सिर्फ न्याय चाहिए।

 

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article