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Sunday, March 23, 2025

आनिमियता फर्जी एफिडेविट डॉक्यूमेंट उच्चतम न्यायालय में जमा करने का मामला प्रशासन का

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मध्य प्रदेश:अभी एक आई०एस० अफसर पूजा खेड़कर आई०एस० बनने के लिए फर्जी डाक्यूमेन्ट दिये वह बात लीक हो गई। अब उनके उपर कार्यवाही हो रही है। एफ.आई.आर. भी दर्ज हो गई है। पूजा खेड़कर म०प्र० में यू.पी.एस. और आई०एस० की ट्रेनिंग करती तो म०प्र० में फर्जी डाक्यूमेन्ट बन भी जाते। और लग भी जाते कभी बात लीक नहीं होती अभी म०प्र० शहडोल संभाग यहां पर माननीय उच्च न्यायालय में फर्जी कागज बनाके दिये गये आज तक वह खुलाशा नहीं हो पाया और लीक भी नहीं हुआ एक प्रायवेट हास्पिटल श्रीराम हेल्थ केअर सेन्टर उस हास्पिटल में कई मरीजों की मौते हुई डिलेवरी के कारण और डायलिसिस होने के कारण जब माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश हुआ कि उस हास्पिटल की जांच की जाये उस हास्पिटल में डायलसिस गणेश कुशवाहा करता रहा उसके पास न कोई डिग्री रही और न कोई ज्ञान भी नहीं रहा। शहडोल संभाग जिले के अधिकारी अफसर स्वास्थ्य चिकित्सालय का सी०एम०ओ० और डॉक्टर श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल की जांच की। फिर फर्जी रिपोर्ट बनाये फिर माननीय उच्च न्यायालय जाकर फर्जी एफीडेविट और फर्जी रिपोर्ट जाकर पेश किये क्योंकि डायलसिस गणेश कुशवाहा करता रहा। स्वास्थ्य चिकित्सालय के सी०एम०ओ० और अपने स्टाफ गोपीलाल की डिग्री लगाकर झूठी रिपोर्ट बनाकर तैयार किये क्योंकि शहडोल संभाग के अधिकारी जो फर्जी रिपोर्ट बनाते हैं बिलकुल परफेक्ट काम करते हैं। शहडोल के अधिकारियों को फर्जी कागज बनाने का एक्सपीरियंस बहुत ज्यादा रहता है। फर्जी डाक्यूमेन्ट कागज बनाने वाले प्रड्यूसर पुलिस अधीक्षक अवधेश गोस्वामी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश वैश्य किरदार निभाने वाले उप पुलिस अधीक्षक सोनाली गुप्ता स्वास्थ्य चिकित्सालय सी०एम०ओ० एम०एस० सागर डॉ० वाय०के० पासवान, डॉ० ए०के० लाल, डॉ० हीरालाल शुक्ला, इन लोगों की पूरी टीम पूरा फर्जी कागज डाक्यूमेंट बनाने का बहुत लंबे समय से एक्सपीरियंस है। शहडोल संभाग के आयुक्त कमिश्नर बी०एस० जामोद अभी 4 महीना पहले उनकी पोस्टिंग हुई है। मैने उनको आवेदन दिया कि श्री राम हेल्थ केयर सेन्टर की दुबारा जांच करवायी जाये और केस को री-ओपन किया जाये फिर डिप्टी कलेक्टर अमिता गर्ग के द्वारा जांच शुरू हुई श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर का डॉक्टर रोहित दुबे ने बयान दिया वह अपना बयान 22.05.2024 को दे रहा है। हमारी हास्पिटल में डायलसिस 2019 से शुरू हुई है। डायलसिस करने के दो टेक्निीशियन है। एक गोपीलाल तथा दूसरा प्रतिभा सिंह है। ये कार्य करते हैं डायलसिस का। गणेश कुशवाहा डायलसिस प्रक्रिया कार्य में संलिप्त नहीं रहता था। दूसरा बयान गोपीलाल दे रहा है कि मैं श्रीराम हास्पिटल में 2019 से कार्य करना शुरू किया हूँ डायलसिस का। और 22.07.2020 को स्मिता विसनदासानी का डायलसिस में किया था। जब पहली बार गोपीलाल अपना बयान दिया 20.09.2021 को उपपुलिस अधीक्षक सोनाली गुप्ता को कि मैं स्मिता विसनदासानी का डायलसिस किया हूँ दिन तारीख मुझे याद नहीं है। गोपीलाल कई प्रकार का बयान दे रहा है। पहली बार बयान दिया उप पुलिस अधीक्षक सोनाली गुप्ता को कि डायलसिस किया हूँ। मुझे दिन तारीख याद नहीं है। दूसरी बार डिप्टी कलेक्टर अमिता गर्ग को बयान दे रहा है कि 22.07.2020 को डायलसिस किया हूँ। एक तरफ गोपीलाल अपने बयान में बोलता है मैं श्री राम हेल्थ केयर सेन्टर में 2021 फरवरी से काम करना शुरू किया हूँ। डॉ० रोहित दुबे अपने बयान में बोल रहा है कि गणेश कुशवाहा कोई डायलसिस का कार्य नहीं करता है। उप पुलिस अधीक्षक व्ही०डी० पाण्डेय ने जांच की श्री राम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल की 04.01.2021 को उसका प्रबंधक विजय द्विवेदी अपना बयान दे रहा है। कि गणेश कुशवाहा सहायक के रूप पर डायलिसिस का कार्य करता है। उप पुलिस अधीक्षक व्ही०डी० पाण्डेय ने गणेश कुशवाहा का बयान लिया 04.01.2021 को गणेश कुशवाहा अपने बयान में बोल रहा है कि मैं श्री राम हेल्थ केयर सेन्टर में डायलिसिस विभाग में पिछले 03 साल से सहायक के रूप पर मैं कार्य करता हूँ डॉक्टर रोहित दुबे दूसरा बयान दे रहा है कि महिला अनीषा सिंह पेसेन्ट हमारे हास्पिटल में कोई डिलेवरी नहीं हुई है। और कभी एडमिट नहीं हुई है। अनीषा का पति पप्पू सिंह अनूपपुर जिले में पुलिस अधीक्षक और कोतवाली में अपना बयान दिया है कि निजी चिकित्सालय श्रीराम हास्पिटल में अपनी पत्नी को एडमिट करवाया 03.11.2021 को डॉ० पूजा दुबे, डॉ० रोहित दुबे के द्वारा ऑपरेशन किया गया। बालक को जन्म दिया अनीषा सिंह बहुत सीरियस हो गई श्री राम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल के द्वारा अपनी एम्बूलेंश भेजकर रेफर किया गया मेट्रो हास्पिटल जबलपुर फिर 09.11.2021 को अनीषा सिंह की मृत्यु हो गई। अनूपपुर जिला स्वास्थ्य चिकित्सालय में अनीषा सिंह का पोस्टमार्डम भी हुआ है। ये सब लोग श्री राम हास्पिटल का प्रबंधक विजय द्विवेदी और रोहित दुबे किसी पेसेन्ट की मौत हो जाती है उनके परिजन लोग जिला प्रशासन को शिकायत करते हैं उनके बाद भी कोई जांच और कार्यवाही नहीं होती है। तो श्री राम हास्पिटल के बाहर धरने में भी बैठ जाते हैं। एक मध्यम वर्ग की मृत्यु हो जाती है तो प्रशासन और पुलिस के द्वारा न कोई एफ०आई०आर० होगी न कोई जांच होगी और न कोई कार्यवाही होगी। किसी बड़े आदमी के उपर घटना घट जाती है। तो शासन प्रशासन फुल एक्शन में आ जाते हैं। कुछ टाईम पहले बम्बई में सलमान खान के घर के बाहर किसी सूटर ने गोलियां चलाई फिर सूटर को पकड़ने के लिये पूरा प्रशासन एक्टिव हो गया पूरे सीसी कैमरा देखे जा रहे हैं। हजारों किलोमीटर तक कैमरा खघांरे गये और सूटर की मोबाईल लोकेशन ट्रेस की जा रही है। सी०एम० फरियादी के घर जा रहा है। आश्वासन देने के लिए कि शासन प्रशासन सूटर को पकड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दिये हैं। कोई आम आदमी के उपर घटना घटती है। जैसे महिला अनीषा सिंह के ऊपर जैसे घटना घटी न उनका हास्पिटल का सीसी कैमरा की फोटो निकाली गई और न कोई मोबाईल कॉल की लोकेशन निकाली गई। प्रशासन अधिकारी अफसरों को आरोपी मुंह मांगा पैसा देता है। कि केश को रफा-दफा करके दबा दिया जाता है। शहडोल के कमिश्नर बी०एस० जामोदर साहब उनको मैं शुक्रिया अदा कर रहा हूँ कि श्री राम हेल्थ केयर सेन्टर की दुबारा जांच करवायी। अभी विजय द्विवेदी प्रबंधक और डॉ० रोहित दुबे इन लोगों को आधा झूठ सामने आ गया है। मुझे आगे की कानूनी लड़ाई लड़ने में आसानी हो गई है। पूरा झूठ अभी आना बांकी है। श्री राम हेल्थ केयर सेन्टर के लोग जितना झूठ बोल ले उनको आखिरी में जेल हवालात जाना ही जाना है। कानून के आंखो में धूल झोंककर कितने दिन बच सकते हैं। कानून के सामने पूरी सच्चाई आ जायेगी तो इन लोगों को कोई ताकत नहीं बचा पायेगी। गैंगगेस्टर आनन्दपाल पांच लाख का ईनामी फर्जी इन्काउन्टर में राजस्थान की पुलिस 24.06.2017 में मार गिराई अभी 24.07.2024 को न्यायालय ने आदेश किया कि आनन्दपाल को फर्जी इनकाउन्टर में एस०पी० सहित सात पुलिस अधिकारियों को एफ०आई०आर० दर्ज करो 302 की धारा में कानून के रखवाले और कानून के नुमान्मदे सब फर्जी काम करते हैं।

श्रीराम हेल्थ केयर सेंटर: विवादों के घेरे में शहडोल का अस्पताल

“फर्जी डॉक्यूमेंट्स देकर आईएएस बनी पूजा खेड़कर पर कार्रवाई हुई पर, श्रीराम हेल्थ केयर सेंटर पर कब होगी कार्रवाई?

ई खबर मीडिया के लिए ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट

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