आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने प्रायश्चित दीक्षा को लेकर कहा कि करीब 219 मंदिरों को अपवित्र किया गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल प्रसाद का नहीं है। बता दें कि तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट के बाद से वह प्रायश्चित दीक्षा पर हैं।
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने अपनी “प्रायश्चित दीक्षा” को लेकर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, “पिछले 5-10 सालों से लगातार किसी न किसी तरह की अपवित्रता हो रहा है। करीब 219 मंदिरों को अपवित्र किया गया। रामतीर्थम में भगवान राम की मूर्ति को खंडित किया गया। इसलिए, यह सिर्फ एक प्रसाद का मामला नहीं है। यह ‘प्रायश्चित दीक्षा’ सनातन धर्म परिरक्षक ट्रस्ट को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता है, यह बहुत जरूरी है। इस तरह की घटनाओं को रोका जाना चाहिए और अलग-अलग स्तर पर अलग तरीके से संबोधित किया जाना चाहिए। एक बार जब मैं यह दीक्षा पूरी कर लूंगा, तो कल हम एक घोषणा करेंगे।”
तिरुपति मंदिर के लड्डुओं के बाद शुरू हुआ विवाद
इससे पूर्व तिरुपति मंदिर के लड्डुओं (प्रसाद) में मिलावटी घी के इस्तेमाल के आरोपों के बाद भगवान को प्रसन्न करने के लिए अपने 11 दिन के प्रायश्चित के तहत आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा कि यहां कनक दुर्गा मंदिर में शुद्धिकरण अनुष्ठान में हिस्सा लिया। इस दौरान पार्टी के नेता भी उनके साथ थे। उन्होंने मंदिर की सीढ़ियों को ब्रश से रगड़कर साफ किया और धोया । कल्याण ने मंदिर में पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं सनातन धर्म (हिंदुत्व) का दृढ़ता से पालन करता हूं। हम राम के भक्त हैं और अपने घरों में राम नाम का जाप करते हैं।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि भारत में मुस्लिम, ईसाई और पारसी जैसे सभी धर्मों को समान रूप से आदर किया जाता है। जनसेना के नेता ने हालांकि कहा कि धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा एकतरफा नहीं हो सकती बल्कि यह दोतरफा मार्ग है जिसमें सभी धर्मों का सम्मान करना होगा।
पवन कल्याण ने प्रकाश राज पर की थी टिप्पणी
लड्डू विवाद को लेकर अपने ट्वीट के जवाब में अभिनेता प्रकाश राज की टिप्पणी पर कल्याण ने आपत्ति जताते हुए सवाल किया कि इस मामले से अभिनेता का क्या लेना देना है। उन्होंने पूछा, ‘‘प्रकाश राज ने मेरे खिलाफ टिप्पणी की है। मैं हिंदुओं के साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में बात कर रहा था। इसमें प्रकाश राज की क्या भूमिका है? क्या मैंने किसी धर्म का अपमान किया?, क्या मैंने इस्लाम का अपमान किया?, क्या मैंने ईसाई धर्म का अपमान किया? अगर कोई गलती होती है, अगर अशुद्धिकरण होता है तो क्या मुझे उस पर बात नहीं करना चाहिए?