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Sunday, June 1, 2025

न्याय की आस में दर-दर भटक रहे वकील यादव, रेलवे स्टेशन पर नियुक्ति में हो रही देरी से आहत।

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हावड़ा रेलवे स्टेशन पर पार्सल पोर्टर के रूप में कार्यरत वकील यादव ने अपनी नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। वकील यादव का कहना है कि सन् 2003 में माननीय उच्च न्यायालय ने 310 पार्सल पोर्टरों को सरकारी तौर पर नियुक्त करने का आदेश दिया था। इस आदेश के तहत कई लोगों की नियुक्ति हुई, लेकिन वकील यादव सहित कुछ अन्य लोग अब भी नियुक्ति के इंतजार में हैं।

उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना का आरोप
वकील यादव के अनुसार, वर्ष 2010 और 2015 में दोबारा उच्च न्यायालय से आदेश मिलने के बावजूद उनकी नियुक्ति नहीं हो सकी। इस दौरान 312 अन्य व्यक्तियों को नौकरी दी गई, लेकिन वकील यादव को अनदेखा किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया है और उनकी न्यायिक अधिकारों की उपेक्षा की गई है।

मंत्री के हस्तक्षेप के बावजूद सुनवाई नहीं
वकील यादव ने बताया कि सन् 2020 में माननीय मंत्री श्रीमान पशुपति कुमार पारस के पैड पर लिखे गए आवेदन के बावजूद उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि 2021 में 13 अन्य व्यक्तियों की नियुक्ति की गई, जिनके मामले अभी भी अदालत में लंबित हैं। इसके बावजूद, वकील यादव को नौकरी से वंचित रखा गया।

डी.सी.एम रेलवें हावड़ा से न्याय की अपील
वकील यादव ने डी.सी.एम रेलवें हावड़ा से अपनी नियुक्ति की अपील की है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के आदेशों का सम्मान करने की मांग की है और जल्द से जल्द उन्हें न्याय देने की गुहार लगाई है। वकील यादव का कहना है कि वह अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए हैं और उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।

वकील यादव का दर्द
पीड़ित वकील यादव ने मीडिया के माध्यम से अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा, “मैं न्याय की आस में कई सालों से भटक रहा हूं। उच्च न्यायालय ने मेरे जैसे कई पार्सल पोर्टरों को नियुक्त करने का आदेश दिया था, लेकिन मुझे अब तक न्याय नहीं मिला। मेरी गुहार सुनने वाला कोई नहीं है।”

आवेदन और संपर्क जानकारी
वकील यादव, पिता स्व. चलकु यादव, ग्राम ओसाई, थाना बिहिया, जिला भोजपुर, बिहार।
प्रेषित करने का स्थान: 34/3, जे. रोड, बेलगछिया, पी.ओ: दासनगर, पी.एस: लिलुआह।
मोबाइल: 9804500452

वकील यादव की इस स्थिति ने रेलवे में हो रही नियुक्तियों की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह देखना होगा कि क्या उन्हें न्याय मिल पाएगा या वह इसी तरह दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर रहेंगे।

 

ई खबर मीडिया के लिए  ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट

 

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